संदेश

नवंबर, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गो कृपा अमृत कैसे बनाएं Go kripa Amrit

गो कृपा अमृत कैसे बनाएं गोकृपा अमृत बनाने की विधि गौ कृपा अमृत के फायदे गाय कृपा अमृत एक एकड़ के लिए कितना गो कृपा अमृत काफी है कितनी मात्रा में प्रयोग करें गौ कृपा अमृत कैसे प्रयोग करें। यह जानकारी गो-कृपा अमृत के उपयोग की विधि को स्पष्ट रूप से समझाती है। गो-कृपा अमृत को खेतों में उपयोग करने के दो मुख्य तरीके और उनके उपयोग का समय नीचे संक्षेप में दिए गए हैं: 🌾 गो-कृपा अमृत उपयोग का सारांश 1. सिंचाई में उपयोग (Flow Irrigation)  * उद्देश्य: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना, पहली बार उपयोग के लिए सबसे प्रभावी।  * मात्रा: 20 लीटर तैयार कल्चर प्रति 1 एकड़।  * प्रक्रिया: इसे सिंचाई के पानी (ड्रिप, फ्लड, नाली) के साथ धीरे-धीरे मिलाकर पूरे खेत में समान रूप से फैला दें। 2. सीधे छिड़काव (Foliar Spray)  * उद्देश्य: पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना और वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ावा देना।  * मात्रा: 1 से 2 लीटर गो-कृपा अमृत को 100 लीटर से 200 लीटर स्वच्छ पानी में मिलाएं।  * प्रक्रिया: घोल का छिड़काव किसी भी फसल पर सुबह या शाम के समय करें 📅 उपयोग का समय और अंतराल  * पहला...

मटर की खेती Matar ki fasal

चित्र
मटर की खेती (बिजाई) ठंडे मौसम की फसल है और इसका सही तरीका और समय जानने से आपको अच्छी पैदावार मिल सकती है। मटर की बिजाई के लिए यहाँ चरण-दर-चरण जानकारी दी गई है: 📅 मटर की बिजाई का सही समय मटर एक रबी की फसल है।  * उत्तम समय: मैदानी क्षेत्रों में अक्टूबर से नवंबर का महीना मटर की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।  * अगेती फसल: जल्दी फसल लेने के लिए कुछ क्षेत्रों में सितंबर-अक्टूबर में भी बुवाई की जाती है।  * तापमान:    * बीज अंकुरण (Germination) के लिए लगभग 22^\circ\text{C} तापमान अच्छा होता है।    * अच्छे विकास के लिए 10 से 18^\circ\text{C} तापमान आदर्श होता है।    * ध्यान दें: पाला (Frost) पड़ने से फसल को नुकसान हो सकता है, खासकर फूल आने की अवस्था में। 🚜 खेत की तैयारी और भूमि मटर की खेती के लिए मटियार दोमट और दोमट भूमि सबसे अच्छी होती है, जिसका \text{pH} मान 6.0 से 7.5 के बीच हो।  * जुताई: खरीफ की फसल कटने के बाद खेत की एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।  * इसके बाद, कल्टीवेटर या रोटावेटर से दो से तीन बार जुताई करके मि...