मशरूम की खेती किस संपूर्ण जानकारी Complete information about mushroom cultivation

मशरूम की खेती की संपूर्ण जानकारी
मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, जिसे कम जगह और कम लागत में शुरू किया जा सकता है। सही जानकारी और देखभाल के साथ यह व्यवसाय अच्छा मुनाफा दे सकता है।



1. मशरूम की खेती शुरू करने का सही समय

मशरूम की खेती का मौसम इसकी किस्म पर निर्भर करता है:

अगर आपके पास नियंत्रित वातावरण (कंट्रोल्ड एनवायरनमेंट) है तो पूरे साल खेती कर सकते हैं।


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2. खेती की तैयारी कैसे करें?

(A) स्थान का चुनाव:

मशरूम की खेती के लिए हवादार और छायादार जगह चुनें।

तापमान और नमी को नियंत्रित करने के लिए ग्रीनहाउस या कमरे का उपयोग करें।

जगह पर अधिक धूप न पड़े और हवा का आवागमन बना रहे।


(B) आवश्यक उपकरण:

बांस या लकड़ी की रैक (शेल्व्स)

प्लास्टिक शीट

नमी बनाए रखने के लिए स्प्रे सिस्टम

थर्मामीटर और ह्यूमिडिटी मीटर


(C) खाद (सब्सट्रेट) की तैयारी:

मशरूम की खेती के लिए विशेष खाद तैयार करनी होती है, जिसे "कम्पोस्ट" कहते हैं।

बटन मशरूम के लिए कम्पोस्ट तैयार करने के चरण:

1. गेहूं या धान का भूसा, गोबर, यूरिया, जिप्सम और पानी मिलाएं।


2. इसे ढेर में रखकर 15-20 दिन तक सड़ने दें और हर 4 दिन बाद पलटें।


3. जब भूसा गहरा भूरा रंग का हो जाए और अमोनिया की गंध न आए, तो यह तैयार है।



ऑयस्टर और मिल्की मशरूम के लिए:

केवल धान या गेहूं का भूसा 5 घंटे पानी में भिगोकर उबालें और ठंडा करके इस्तेमाल करें।



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3. बीज (स्पॉन) कहां से लाएं और कैसे तैयार करें?

मशरूम के बीज (स्पॉन) कृषि अनुसंधान केंद्रों या सरकारी संस्थानों से खरीदे जा सकते हैं।

आप स्वयं भी बीज तैयार कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए स्टेराइल (निष्फल) वातावरण और प्रयोगशाला की आवश्यकता होती है।



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4. बुवाई और देखभाल

(A) बीज बोने की प्रक्रिया:

1. कम्पोस्ट को 4-6 इंच की परत में रैक या बैग में बिछाएं।


2. उसमें 2-3 इंच की गहराई पर बीज मिलाएं।


3. तापमान और नमी बनाए रखें।


4. 15-20 दिनों में सफेद फंगस फैलने लगेगा।



(B) नमी और तापमान नियंत्रण:

बटन मशरूम: 18-22°C और 80-90% नमी

ऑयस्टर मशरूम: 22-28°C और 75-85% नमी

मिल्की मशरूम: 28-35°C और 70-80% नमी


(C) रोग और कीट नियंत्रण:

वातावरण को साफ रखें।

फार्मलिन और ब्लीचिंग पाउडर से जगह को समय-समय पर सैनिटाइज करें।

यदि फंगस में हरा या काला रंग दिखे तो प्रभावित भाग को हटा दें।



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5. कटाई और बिक्री

बटन मशरूम: 35-40 दिन बाद तुड़ाई करें।

ऑयस्टर मशरूम: 25-30 दिन में तैयार हो जाता है।

मिल्की मशरूम: 45-50 दिन में कटाई करें।


बिक्री के लिए सुझाव:

लोकल मार्केट, होटल, और सुपरमार्केट से संपर्क करें।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Amazon, Flipkart, Swiggy) पर बिक्री करें।

मशरूम पाउडर और अचार बनाकर अतिरिक्त मुनाफा कमाएं।



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6. अनुमानित लागत और मुनाफा

प्रारंभिक लागत: ₹50,000 - ₹1,00,000 (छोटे स्तर पर)

प्रति किलो बिक्री मूल्य: ₹150 - ₹300 (किस्म और क्वालिटी के आधार पर)

लाभ: उचित देखभाल से प्रति 100 वर्गफुट में 80-100 किग्रा मशरूम उत्पादन संभव है।



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निष्कर्ष

मशरूम की खेती सही तकनीक और देखभाल के साथ एक बेहद फायदेमंद व्यवसाय साबित हो सकती है। यदि इसे वैज्ञानिक तरीके से किया जाए, तो यह कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाला व्यवसाय बन सकता है।



हाँ, खुंबी (मशरूम) की खेती करना लाभदायक हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से और उचित योजना के साथ किया जाए। भारत में मशरूम की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्योंकि इसके कई फायदे हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:


### लाभ:
1. **कम लागत, अधिक मुनाफा**: मशरूम की खेती के लिए शुरुआती निवेश अपेक्षाकृत कम होता है। आपको मुख्य रूप से बीज (स्पॉन), सब्सट्रेट (जैसे भूसा या कम्पोस्ट), और एक नियंत्रित वातावरण चाहिए। अगर सही ढंग से किया जाए, तो प्रति किलो मशरूम की कीमत अच्छी मिलती है (बाजार में आमतौर पर ₹100-₹300/किलो, प्रजाति और मांग के आधार पर)।
   
2. **कम समय में फसल**: मशरूम की फसल 30-45 दिनों में तैयार हो जाती है, जो इसे पारंपरिक फसलों की तुलना में तेज आय का स्रोत बनाती है। साल में 3-4 बार फसल ली जा सकती है।

3. **बढ़ती मांग**: शहरी क्षेत्रों में मशरूम की मांग बढ़ रही है, खासकर बटन, ऑयस्टर और शिटाके जैसी प्रजातियों की। इसे होटल, रेस्तरां और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।

4. **कम जगह की जरूरत**: मशरूम की खेती छोटी जगह में भी की जा सकती है, जैसे कि एक कमरे या शेड में। इसके लिए बड़े खेत की जरूरत नहीं होती।

5. **प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग**: यह खेती कृषि अवशेषों (जैसे धान का भूसा) का उपयोग करती है, जिससे लागत और पर्यावरणीय प्रभाव दोनों कम होते हैं।

### चुनौतियाँ:
1. **तकनीकी ज्ञान**: मशरूम की खेती में तापमान (20-30°C), नमी (80-90%), और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए प्रशिक्षण लेना जरूरी हो सकता है।
   
2. **बाजार की समझ**: अगर स्थानीय बाजार में मांग कम है या मशरूम को सही समय पर बेचने की व्यवस्था नहीं है, तो नुकसान हो सकता है।

3. **कीट और रोग**: गलत प्रबंधन से फसल खराब हो सकती है, इसलिए निरंतर निगरानी जरूरी है।

### निष्कर्ष:
अगर आपके पास उचित प्रशिक्षण, संसाधन और बाजार तक पहुँच है, तो मशरूम की खेती निश्चित रूप से लाभदायक हो सकती है। भारत में कई सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी भी उपलब्ध हैं, जैसे कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM), जो इसकी शुरुआत में मदद कर सकती हैं। शुरू करने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें और छोटे पैमाने पर प्रयोग करके देखें।

क्या आप इसे शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर हाँ, तो आपके क्षेत्र और संसाधनों के बारे में बताएँ, ताकि मैं और सटीक सुझाव दे सकूँ!


हिसार जिले में मशरूम के लिए कोई विशेष रूप से निर्धारित "मशरूम मार्केट" या मंडी नहीं है, जैसा कि पारंपरिक फसलों (जैसे अनाज या कपास) के लिए होता है। हालांकि, मशरूम की बिक्री और खरीदारी आमतौर पर स्थानीय स्तर पर विभिन्न तरीकों से होती है। यहाँ कुछ संभावित स्थान और तरीके हैं जहाँ हिसार में मशरूम की मार्केट मिल सकती है:

1. **हिसार सब्जी मंडी**: हिसार शहर में मुख्य सब्जी मंडी (जो राष्ट्रीय राजमार्ग 9 के पास स्थित है) एक ऐसा स्थान हो सकता है जहाँ मशरूम की बिक्री होती है। यहाँ स्थानीय किसान और व्यापारी अपनी उपज बेचने आते हैं। आपको यहाँ ताजा मशरूम मिल सकते हैं, खासकर अगर स्थानीय किसानों ने इसे उगाया हो।

2. **कृषि उत्पादन बाजार**: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU), हिसार, जो कृषि अनुसंधान और प्रशिक्षण का बड़ा केंद्र है, मशरूम की खेती को बढ़ावा देता है। यहाँ से जुड़े किसान कभी-कभी विश्वविद्यालय के परिसर में या आसपास के बाजारों में मशरूम बेचते हैं। यहाँ ऑयस्टर और बटन मशरूम जैसी प्रजातियाँ मिल सकती हैं।

3. **स्थानीय दुकानें और सुपरमार्केट**: हिसार के शहरी इलाकों में कुछ किराना दुकानें, सुपरमार्केट (जैसे न्यू मार्केट या ऑटो मार्केट के आसपास) और फूड स्टोर्स में पैकेज्ड मशरूम उपलब्ध हो सकते हैं। यहाँ मांग के आधार पर ताजा या सूखे मशरूम मिलते हैं।

4. **सीधे किसानों से**: हिसार जिले में मशरूम की खेती करने वाले किसान, जैसे कि सलेमगढ़ गाँव के किसान विकास वर्मा (जो मशरूम की खेती से लाखों कमा रहे हैं), अपनी फसल को सीधे ग्राहकों, होटलों, या छोटे व्यापारियों को बेचते हैं। आप ऐसे किसानों से संपर्क करके ताजा मशरूम खरीद सकते हैं।

5. **होटल और रेस्तरां**: हिसार में मशरूम की मांग का एक बड़ा हिस्सा होटल और रेस्तरां से आता है। अगर आप मशरूम बेचना चाहते हैं, तो स्थानीय ढाबों और होटलों से संपर्क कर सकते हैं।

### सुझाव:
- **स्थानीय पूछताछ**: हिसार में मशरूम की मार्केट की सटीक जानकारी के लिए आपको स्थानीय किसानों, सब्जी मंडी के व्यापारियों, या कृषि विश्वविद्यालय के मशरूम अनुसंधान केंद्र से संपर्क करना चाहिए।
- **ऑनलाइन प्लेटफॉर्म**: आजकल कई किसान अपने उत्पादों को ऑनलाइन बेचते हैं। आप हिसार के आसपास के किसानों से सोशल मीडिया या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए भी संपर्क कर सकते हैं।

अगर आप मशरूम खरीदने या बेचने के लिए किसी विशिष्ट स्थान की तलाश कर रहे हैं, तो मुझे अपने उद्देश्य के बारे में और बताएँ, ताकि मैं बेहतर मदद कर सकूँ!


हरियाणा में मशरूम की खेती की शुरुआत और प्रक्रिया इस प्रकार है:
हरियाणा में मशरूम की खेती की शुरुआत:
 * हरियाणा में मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में उभर रहा है, और राज्य सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है।
 * हरियाणा का वातावरण मशरूम की खेती के लिए अनुकूल है, और यहाँ के किसान विभिन्न प्रकार के मशरूम उगा रहे हैं।
 * हरियाणा सरकार मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण और सब्सिडी प्रदान करती है।
 * हरियाणा में मशरूम की खेती की शुरुआत के लिए आप कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालय से प्रशिक्षण ले सकते हैं।
मशरूम की खेती की प्रक्रिया:
 * मशरूम की किस्में:
   * हरियाणा में मुख्य रूप से सफेद बटन मशरूम की खेती की जाती है।
 * उचित समय:
   * मशरूम की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च तक होता है।
 * खेती के लिए आवश्यक सामग्री:
   * गेहूं या धान का भूसा
   * यूरिया
   * सुपर फास्फेट
   * पोटाश
   * गेहूं का चोकर
   * कपास का पाउडर
   * जिप्सम
 * मशरूम की खेती की प्रक्रिया:
   * सबसे पहले, भूसे को उपचारित किया जाता है।
   * फिर, खाद तैयार की जाती है, जिसमें उपचारित भूसा और अन्य सामग्री मिलाई जाती है।
   * खाद को क्यारियों में फैलाया जाता है और मशरूम के बीज बोए जाते हैं।
   * क्यारियों को नम रखा जाता है और उचित तापमान प्रदान किया जाता है।
   * कुछ हफ्तों के बाद, मशरूम उगने लगते हैं।
 * मशरूम की खेती में ध्यान रखने योग्य बातें:
   * मशरूम की खेती के लिए स्वच्छ वातावरण आवश्यक है।
   * खाद को ठीक से उपचारित करना महत्वपूर्ण है।
   * क्यारियों में उचित नमी और तापमान बनाए रखना आवश्यक है।
 * मशरूम का बीज:
   * मशरूम की खेती में प्रयोग होने वाले बीज को स्पॉन कहते हैं। हरियाणा में मशरूम का बीज एचएयू हिसार, मुरथल यूनिवर्सिटी से लिया जा सकता है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में बहुत से संस्थान हैं, जहां मशरूम का बीज आसानी से मिल जाता है।
 * सरकार द्वारा सहायता:
   * मशरूम कंपोस्ट और प्रोडक्शन यूनिट लगाने पर सरकार द्वारा 40 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है।
   * सरकार मशरूम की खेती के प्रशिक्षण के लिए भी सहायता प्रदान करती है।
अतिरिक्त जानकारी:
 * मशरूम की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, और इससे किसानों को अच्छी आय हो सकती है।
 * हरियाणा में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
 * मशरूम की खेती के लिए प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है।
 * आप हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय या किसी कृषि विज्ञान केंद्र से मशरूम की खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।


मशरूम के बीज और खाद की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे कि मशरूम की किस्म, गुणवत्ता, और आप इसे कहाँ से खरीद रहे हैं। यहां कुछ सामान्य जानकारी दी गई है:
मशरूम का बीज (स्पॉन):
 * मशरूम के बीज की कीमत किस्म के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। सामान्य तौर पर, यह लगभग 75 रुपये से 150 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच हो सकता है।
 * आप मशरूम के बीज को कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों, या निजी आपूर्तिकर्ताओं से खरीद सकते हैं।
मशरूम की खाद (कंपोस्ट):
 * मशरूम की खाद की कीमत भी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि खाद की गुणवत्ता और मात्रा।
 * घर पर खाद तैयार करने की लागत बाजार में खरीदने की तुलना में कम हो सकती है।
 * बाजार में, मशरूम की खाद लगभग 20 रुपये से 50 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच मिल सकती है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
 * कीमतें समय और स्थान के अनुसार बदल सकती हैं।
 * गुणवत्ता वाले बीज और खाद का उपयोग करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मशरूम की उपज को प्रभावित कर सकता है।
 * मशरूम का बीज एचएयू हिसार, मुरथल यूनिवर्सिटी से लिया जा सकता है। इसके अलावा देश के कई राज्यों में बहुत से संस्थान हैं, जहां मशरूम का बीज आसानी से मिल जाता है।

मशरूम पर कुछ वीडियो लिंक नीचे दए गए













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