फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे Use of Wood Ash in farming

 फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। राख मूल रूप से लकड़ी या पौधों के अवशेषों को जलाने से बनती है और यह मिट्टी तथा पौधों के लिए एक उपयोगी पूरक सिद्ध हो सकती है।
यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए गए हैं:

1. पोषक तत्वों की पूर्ति

 * पोटैशियम (Potassium): राख पोटैशियम का एक बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है। पोटैशियम पौधों में तनाव सहने की क्षमता बढ़ाता है, बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, और फल-फूल तथा बीज बनने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।

 * कैल्शियम (Calcium): यह मिट्टी में कैल्शियम की कमी को दूर करती है, जो पौधों की कोशिका भित्ति (Cell Walls) को मजबूत करने और स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।

 * अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व: राख में थोड़ी मात्रा में फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) भी होते हैं जो पौधों के समग्र स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं।


2. मिट्टी का pH स्तर सुधारना

(अम्लीयता कम करना)
 * राख क्षारीय (Alkaline) प्रकृति की होती है। यदि आपकी मिट्टी अम्लीय (Acidic) है (जिसका pH मान 7 से कम होता है), तो राख डालने से pH स्तर बढ़ता है और मिट्टी की अम्लीयता कम होती है।

 * कई फसलें और सब्जियां (जैसे पत्तागोभी, ब्रोकली, फलियां) थोड़ी क्षारीय या तटस्थ मिट्टी में बेहतर उपज देती हैं।


3. कीटों और रोगों का नियंत्रण
 * कुछ किसान राख का उपयोग प्राकृतिक कीट विकर्षक (Natural Insect Repellent) के रूप में करते हैं। इसे सीधे पौधों के पत्तों पर या तने के चारों ओर छिड़कने से घोंघे (Snails), स्लग (Slugs) और कुछ अन्य कीटों को दूर रखने में मदद मिल सकती है।


4. मिट्टी की संरचना में सुधार
 * राख मिट्टी की हवादारता (Aeration) और पानी को अवशोषित करने की क्षमता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है, खासकर चिकनी मिट्टी (Heavy Clay Soil) में।

कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका ध्यान रखना चाहिए:
 * सही मात्रा: राख का उपयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में राख डालने से मिट्टी बहुत अधिक क्षारीय हो सकती है, जिससे कुछ पोषक तत्व पौधों के लिए अनुपलब्ध हो जाते हैं।

 * किस मिट्टी के लिए नहीं: यदि आपकी मिट्टी पहले से ही क्षारीय (Alkaline) है (उच्च pH), तो उसमें राख डालने से बचें, क्योंकि यह pH को और बढ़ा सकती है।

 * सावधानियां: रंगीन या चमकदार (Treated) लकड़ी, कोयला, या जलाए गए कचरे की राख का उपयोग बिल्कुल न करें, क्योंकि इनमें हानिकारक रसायन हो सकते हैं। केवल शुद्ध लकड़ी या फसल अवशेषों की राख ही सुरक्षित है।

क्या आप यह जानना चाहेंगे कि राख को अपनी फसल में डालने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

हाँ, बिल्कुल। फसल में राख डालने का सही तरीका जानने से आपको अधिकतम लाभ मिल सकता है और संभावित नुकसान से बचा जा सकता है।
राख डालने के मुख्य तरीके और ध्यान रखने योग्य बातें इस प्रकार हैं:

1. बुवाई या रोपाई से पहले मिट्टी में मिलाना (Mixing with Soil)
यह राख के पोषक तत्वों को मिट्टी में शामिल करने का सबसे प्रभावी तरीका है:
 * तरीका: खेत की तैयारी करते समय या जुताई से पहले राख को समान रूप से मिट्टी की सतह पर फैला दें। इसके बाद जुताई करके राख को मिट्टी की ऊपरी परत में अच्छी तरह से मिला दें।
 * फायदा: इससे पोषक तत्व तुरंत जड़ों के संपर्क में आते हैं और pH सुधारने का काम भी शुरू हो जाता है।
 * कितनी मात्रा: यह आपकी मिट्टी के pH स्तर पर निर्भर करेगा, लेकिन सामान्यतः आप प्रति 100 वर्ग फुट (लगभग 10 वर्ग मीटर) क्षेत्र के लिए 2 से 3 किलोग्राम (या लगभग 10 से 15 लीटर) राख का उपयोग कर सकते हैं। अधिक क्षारीय मिट्टी के लिए मात्रा कम रखें।

2. साइड ड्रेसिंग (Side Dressing)
यह तब किया जाता है जब पौधे पहले से बढ़ रहे हों:
 * तरीका: पौधों की कतारों या तने के चारों ओर, जड़ क्षेत्र से थोड़ी दूरी पर, राख की एक पतली परत या एक छोटा गोलाकार घेरा बनाएं। फिर हल्की सिंचाई करें ताकि पोषक तत्व रिसकर जड़ों तक पहुँच सकें।
 * फायदा: यह बढ़ते हुए पौधों को पोटैशियम की तुरंत आपूर्ति करता है।
 * सावधानी: राख को सीधे तने या पत्तियों को छूने न दें, खासकर छोटे पौधों में, क्योंकि यह उन्हें जला सकती है।

3. पत्तियों पर धूलि छिड़काव (Dusting on Leaves)
यह कीट नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है:
 * तरीका: सुबह के समय, जब पत्तियाँ ओस के कारण थोड़ी गीली हों, राख को बारीक कपड़े या छलनी से छानकर पत्तियों पर हल्के से छिड़कें, खासकर नीचे की तरफ।
 * फायदा: यह घोंघे (Snails), स्लग (Slugs) और कुछ अन्य नरम शरीर वाले कीटों को दूर रखने में मदद करता है।


 * सावधानी: बारिश के बाद या सिंचाई के बाद इसे दोहराना पड़ सकता है। इसे बहुत अधिक न करें, क्योंकि यह प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित कर सकता है।
ज़रूरी सुझाव:
 * राख को छान लें: उपयोग करने से पहले राख को छान लेना बेहतर होता है ताकि बड़े कोयले के टुकड़े या अनचाहा मलबा निकल जाए।
 * पानी में घोलें नहीं: राख को पानी में घोलकर इस्तेमाल करने की बजाय, इसे सीधे मिट्टी में या पत्तियों पर ही इस्तेमाल करें। पानी में घुलने पर इसके महत्वपूर्ण पोषक तत्व बह सकते हैं।
 * यूरिया के साथ न मिलाएं: राख को अमोनियम सल्फेट (Ammonium Sulfate) या यूरिया जैसे नाइट्रोजन वाले उर्वरकों के साथ सीधे न मिलाएं। राख का उच्च pH इन उर्वरकों में से नाइट्रोजन को गैस के रूप में बाहर निकाल सकता है, जिससे उनका प्रभाव कम हो जाता है।
 * बारिश से बचाएं: जिस राख का आप बाद में उपयोग करने वाले हैं, उसे किसी बंद बर्तन या स्थान पर रखें ताकि वह बारिश या नमी से खराब न हो।

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