संदेश

लहसुन की खेती Harvesting of Garlic

लहसुन लगाने का सही वक्त क्या है किस तरीके से लगाएं पौधे से पौधे एवं लाइन से लाइन की दूरी कितनी हो देखें इस लिंक में  https://ramukavikissan.blogspot.com/2025/10/starting-of-natural-farming-organic.html एक एकड़ में कितना बीज लगता है कितनी पैदावार होती है  कब पक के तैयार हो जाता है लहसुन की खेती से संबंधित आपके सभी प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं:  * लहसुन लगाने का सही वक्त क्या है?    * लहसुन की बुवाई का सबसे अच्छा और उपयुक्त समय सितंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्टूबर के अंत तक माना जाता है।    * हालांकि, नवंबर के पहले पखवाड़े तक भी इसकी बुवाई की जा सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ गर्मी देर तक रहती है।    * जल्दी बुवाई (सितंबर-अक्टूबर) से पैदावार अच्छी होने की संभावना रहती है।  * किस तरीके से लगाएं?    * बीज का चयन: लहसुन की गांठों (कंदों) में से स्वस्थ, रोगमुक्त और बड़ी कलियों (जवे) का चयन करें। ये ही लहसुन के बीज होते हैं।    * बुवाई की विधि: लहसुन को आमतौर पर कतारों (लाइनों) में बोया जाता है।     ...

फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे Use of Wood Ash in farming

 फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। राख मूल रूप से लकड़ी या पौधों के अवशेषों को जलाने से बनती है और यह मिट्टी तथा पौधों के लिए एक उपयोगी पूरक सिद्ध हो सकती है। यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए गए हैं: 1. पोषक तत्वों की पूर्ति  * पोटैशियम (Potassium): राख पोटैशियम का एक बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है। पोटैशियम पौधों में तनाव सहने की क्षमता बढ़ाता है, बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, और फल-फूल तथा बीज बनने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।  * कैल्शियम (Calcium) : यह मिट्टी में कैल्शियम की कमी को दूर करती है, जो पौधों की कोशिका भित्ति (Cell Walls) को मजबूत करने और स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।  * अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व: राख में थोड़ी मात्रा में फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) भी होते हैं जो पौधों के समग्र स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। 2. मिट्टी का pH स्तर सुधारना (अम्लीयता कम करना)  * राख क्षारीय (Alkaline) प्रकृति की होती है। यदि आपकी मिट्टी अम्लीय (Acidic) है (जिसका pH मान 7 से कम होता है), तो राख डालने से pH स्तर बढ...

मोरिंगा ड्रमस्टिक के फायदे Benefits of moringa drumstick

सहजन का पेड़, जिसे मोरिंगा (Moringa) या ड्रमस्टिक (Drumstick) भी कहते हैं, अपने अद्भुत औषधीय और पोषण गुणों के कारण 'चमत्कारी पेड़' के रूप में जाना जाता है। इसका हर हिस्सा—पत्तियां, फलियां, फूल और बीज—स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। मोरिंगा ड्रमस्टिक के फायदे Benefits of moringa drumstick किसी बीमारी मैं मोरिंगा का प्रयोग कैसे करें इसकी जनकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://sarirsesavasthyatk.blogspot.com/2025/10/uses-of-drumstick-in-different-disease.html सहजन के पेड़ के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं: पोषण का भंडार सहजन की पत्तियां और फलियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, सहजन की पत्तियों में:  * कैल्शियम (हड्डियों के लिए): दूध से 17 गुना अधिक।  * विटामिन C (रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए): संतरे से 7 गुना अधिक।  * पोटैशियम (ब्लड प्रेशर के लिए): केले से 15 गुना अधिक।  * प्रोटीन (मांसपेशियों के लिए): दही से 9 गुना अधिक।  * विटामिन A (आंखों के लिए): गाजर से 10 गुना अधिक।  * आयरन (खून की कमी दूर करने के लिए): पालक से 2...

बागवानी कृषि और पशुपालन के लिए सितंबर महीना September month for agriculture horticulture animal husbandry

सितंबर का महीना खेती, बागवानी और पशुपालन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस महीने में खरीफ की फसलों की कटाई और रबी की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि सितंबर में कौन सी फसलें, सब्जियां और पौधे लगाए जा सकते हैं: सितंबर के महीने में कई तरह की सब्जियां उगाई जा सकती हैं जो सर्दियों में अच्छी पैदावार देती हैं। यहाँ कुछ मुख्य सब्जियों की सूची दी गई है जिन्हें आप सितंबर में उगा सकते हैं:  * पत्ता गोभी और फूल गोभी: यह ठंडे मौसम की सबसे लोकप्रिय सब्जियां हैं। सितंबर में इनकी पौध (सैप्लिंग) तैयार करके खेतों में रोपाई की जाती है।  * गाजर: गाजर की बुवाई सीधे क्यारियों में की जाती है। यह ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ती है।  * मूली: मूली भी गाजर की तरह सीधी बोई जाती है और यह कम समय में तैयार हो जाती है।  * शलजम: यह एक जड़ वाली सब्जी है जिसे सितंबर में आसानी से उगाया जा सकता है।  * पालक: यह एक पत्तेदार सब्जी है जो बहुत जल्दी उगती है और कई बार काटी जा सकती है।  * मेथी: मेथी के बीज भी सीधे बोए जाते हैं। यह भी एक पत्तेदार सब्जी है जो स्वास्थ्य के लि...

खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद कैसे बनाएं Organic fertilizer for agriculture farming

 खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद कैसे बनाएं kaise taiyar karen खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद बनाना एक बहुत ही अच्छा तरीका है। इससे मिट्टी की सेहत सुधरती है और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है। ऑर्गेनिक खाद कई तरह से तैयार की जा सकती है, लेकिन यहाँ हम तीन मुख्य तरीकों के बारे में बात करेंगे जो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होते हैं। 1. गोबर की खाद (कम्पोस्ट खाद) यह सबसे पुराना और प्रचलित तरीका है। इसमें गोबर, सूखे पत्ते, फसल के अवशेष और अन्य जैविक कचरे को एक जगह इकट्ठा करके सड़ाया जाता है। सामग्री:  * गाय या भैंस का गोबर  * फसल के अवशेष (पराली, भूसा, डंठल)  * सूखे पत्ते और घास  * किचन का जैविक कचरा (सब्जियों के छिलके)  * मिट्टी और पानी बनाने का तरीका:  * खेत में एक गड्ढा खोदें (लगभग 3 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा)।  * गड्ढे की निचली सतह पर थोड़ी सी मिट्टी डालें, फिर पानी का छिड़काव करके उसे नम कर लें।  * अब इसमें एक परत फसल के अवशेष और सूखे पत्तों की बिछाएं।  * इसके ऊपर गोबर की एक परत डालें।  * यह प्रक्रिया तब तक दोहराते रहें जब तक गड्ढा पूरी तरह न भ...

खेत के लिए ऑर्गेनिक कीटनाशक कैसे बनाएं Organic pesticides for agriculture

खेत के लिए ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाना एक अच्छा तरीका है क्योंकि यह न सिर्फ फसलों को कीटों से बचाता है, बल्कि मिट्टी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाता। यहाँ तीन सबसे असरदार और आसानी से बनाए जाने वाले ऑर्गेनिक कीटनाशकों के बारे में बताया गया है: 1. नीम का तेल आधारित कीटनाशक नीम का तेल कई तरह के कीटों को दूर भगाने में बहुत प्रभावी है। सामग्री:  * नीम का तेल: 50 मिलीलीटर (मिली)  * हल्का साबुन (जैसे हैंड वॉश या कपड़े धोने का साबुन): 5-10 ग्राम  * पानी: 10 लीटर बनाने का तरीका:  * सबसे पहले, साबुन को 10 लीटर पानी में अच्छी तरह घोल लें।  * अब इस पानी में 50 मिली नीम का तेल मिलाएं और लकड़ी के डंडे से अच्छी तरह हिलाएं। साबुन तेल को पानी में घुलने में मदद करता है।  * इस मिश्रण को तुरंत एक छिड़काव मशीन में भरकर फसलों पर छिड़काव करें। फायदे:  * यह रस चूसने वाले कीटों (जैसे माहू, सफेद मक्खी) और इल्लियों पर बहुत असरदार है।  * इसे फसल पर हफ्ते में एक बार छिड़का जा सकता है। 2. लहसुन और मिर्च का कीटनाशक यह कीटनाशक लहसुन और मिर्च की तीखी गंध से कीटों को भगाता है। स...

ऑर्गेनिक खेती के लिए खाद Jivamrit Bhumi ke liye vardan

जीवामृत, जिसे "जीवों का अमृत" भी कहते हैं, एक बेहद असरदार जैविक खाद है जो प्राकृतिक खेती में मिट्टी की उर्वरता और पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है। इसे बनाना काफी आसान है और यह कम लागत में तैयार हो जाती है। जीवामृत बनाने की विधि यह मात्रा एक एकड़ जमीन के लिए पर्याप्त होती है। सामग्री:  * देसी गाय का गोबर: 10 किलो (जितना ताजा हो उतना अच्छा)  * देसी गाय का गोमूत्र: 5-10 लीटर  * गुड़: 1-2 किलो (मीठे फल या गन्ने का रस भी ले सकते हैं)  * बेसन: 1-2 किलो (किसी भी दाल का आटा, जैसे चना, अरहर)  * बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी: 1 मुट्ठी या 1 किलो (ऐसी जगह की मिट्टी जहाँ कभी रासायनिक खाद का इस्तेमाल न हुआ हो)  * पानी: 180-200 लीटर बनाने की प्रक्रिया:  * एक बड़े प्लास्टिक के ड्रम या सीमेंट की टंकी में 200 लीटर पानी डालें।  * अब इस पानी में 10 किलो ताजा गोबर, 5-10 लीटर गोमूत्र, 1-2 किलो गुड़ और 1-2 किलो बेसन अच्छी तरह मिला लें।  * आखिर में, बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी को भी इस मिश्रण में मिला दें। यह मिट्टी जीवाणुओं ...