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गो कृपा अमृत कैसे बनाएं Go kripa Amrit

गो कृपा अमृत कैसे बनाएं गोकृपा अमृत बनाने की विधि गौ कृपा अमृत के फायदे गाय कृपा अमृत एक एकड़ के लिए कितना गो कृपा अमृत काफी है कितनी मात्रा में प्रयोग करें गौ कृपा अमृत कैसे प्रयोग करें। यह जानकारी गो-कृपा अमृत के उपयोग की विधि को स्पष्ट रूप से समझाती है। गो-कृपा अमृत को खेतों में उपयोग करने के दो मुख्य तरीके और उनके उपयोग का समय नीचे संक्षेप में दिए गए हैं: 🌾 गो-कृपा अमृत उपयोग का सारांश 1. सिंचाई में उपयोग (Flow Irrigation)  * उद्देश्य: मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना, पहली बार उपयोग के लिए सबसे प्रभावी।  * मात्रा: 20 लीटर तैयार कल्चर प्रति 1 एकड़।  * प्रक्रिया: इसे सिंचाई के पानी (ड्रिप, फ्लड, नाली) के साथ धीरे-धीरे मिलाकर पूरे खेत में समान रूप से फैला दें। 2. सीधे छिड़काव (Foliar Spray)  * उद्देश्य: पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना और वानस्पतिक वृद्धि को बढ़ावा देना।  * मात्रा: 1 से 2 लीटर गो-कृपा अमृत को 100 लीटर से 200 लीटर स्वच्छ पानी में मिलाएं।  * प्रक्रिया: घोल का छिड़काव किसी भी फसल पर सुबह या शाम के समय करें 📅 उपयोग का समय और अंतराल  * पहला...

मटर की खेती Matar ki fasal

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मटर की खेती (बिजाई) ठंडे मौसम की फसल है और इसका सही तरीका और समय जानने से आपको अच्छी पैदावार मिल सकती है। मटर की बिजाई के लिए यहाँ चरण-दर-चरण जानकारी दी गई है: 📅 मटर की बिजाई का सही समय मटर एक रबी की फसल है।  * उत्तम समय: मैदानी क्षेत्रों में अक्टूबर से नवंबर का महीना मटर की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।  * अगेती फसल: जल्दी फसल लेने के लिए कुछ क्षेत्रों में सितंबर-अक्टूबर में भी बुवाई की जाती है।  * तापमान:    * बीज अंकुरण (Germination) के लिए लगभग 22^\circ\text{C} तापमान अच्छा होता है।    * अच्छे विकास के लिए 10 से 18^\circ\text{C} तापमान आदर्श होता है।    * ध्यान दें: पाला (Frost) पड़ने से फसल को नुकसान हो सकता है, खासकर फूल आने की अवस्था में। 🚜 खेत की तैयारी और भूमि मटर की खेती के लिए मटियार दोमट और दोमट भूमि सबसे अच्छी होती है, जिसका \text{pH} मान 6.0 से 7.5 के बीच हो।  * जुताई: खरीफ की फसल कटने के बाद खेत की एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।  * इसके बाद, कल्टीवेटर या रोटावेटर से दो से तीन बार जुताई करके मि...

लहसुन की खेती Harvesting of Garlic

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लहसुन लगाने का सही वक्त क्या है किस तरीके से लगाएं पौधे से पौधे एवं लाइन से लाइन की दूरी कितनी हो देखें इस लिंक में  https://ramukavikissan.blogspot.com/2025/10/starting-of-natural-farming-organic.html एक एकड़ में कितना बीज लगता है कितनी पैदावार होती है  कब पक के तैयार हो जाता है लहसुन की खेती से संबंधित आपके सभी प्रश्नों के उत्तर नीचे दिए गए हैं:  * लहसुन लगाने का सही वक्त क्या है?    * लहसुन की बुवाई का सबसे अच्छा और उपयुक्त समय सितंबर के आखिरी सप्ताह से लेकर अक्टूबर के अंत तक माना जाता है।    * हालांकि, नवंबर के पहले पखवाड़े तक भी इसकी बुवाई की जा सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ गर्मी देर तक रहती है।    * जल्दी बुवाई (सितंबर-अक्टूबर) से पैदावार अच्छी होने की संभावना रहती है।  * किस तरीके से लगाएं?    * बीज का चयन: लहसुन की गांठों (कंदों) में से स्वस्थ, रोगमुक्त और बड़ी कलियों (जवे) का चयन करें। ये ही लहसुन के बीज होते हैं।    * बुवाई की विधि: लहसुन को आमतौर पर कतारों (लाइनों) में बोया जाता है।     ...

फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे Use of Wood Ash in farming

 फसल में राख (Wood Ash) डालने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं। राख मूल रूप से लकड़ी या पौधों के अवशेषों को जलाने से बनती है और यह मिट्टी तथा पौधों के लिए एक उपयोगी पूरक सिद्ध हो सकती है। यहाँ कुछ मुख्य फायदे दिए गए हैं: 1. पोषक तत्वों की पूर्ति  * पोटैशियम (Potassium): राख पोटैशियम का एक बेहतरीन प्राकृतिक स्रोत है। पोटैशियम पौधों में तनाव सहने की क्षमता बढ़ाता है, बीमारियों से लड़ने में मदद करता है, और फल-फूल तथा बीज बनने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।  * कैल्शियम (Calcium) : यह मिट्टी में कैल्शियम की कमी को दूर करती है, जो पौधों की कोशिका भित्ति (Cell Walls) को मजबूत करने और स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है।  * अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व: राख में थोड़ी मात्रा में फॉस्फोरस, मैग्नीशियम और कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) भी होते हैं जो पौधों के समग्र स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। 2. मिट्टी का pH स्तर सुधारना (अम्लीयता कम करना)  * राख क्षारीय (Alkaline) प्रकृति की होती है। यदि आपकी मिट्टी अम्लीय (Acidic) है (जिसका pH मान 7 से कम होता है), तो राख डालने से pH स्तर बढ...

मोरिंगा ड्रमस्टिक के फायदे Benefits of moringa drumstick

सहजन का पेड़, जिसे मोरिंगा (Moringa) या ड्रमस्टिक (Drumstick) भी कहते हैं, अपने अद्भुत औषधीय और पोषण गुणों के कारण 'चमत्कारी पेड़' के रूप में जाना जाता है। इसका हर हिस्सा—पत्तियां, फलियां, फूल और बीज—स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। मोरिंगा ड्रमस्टिक के फायदे Benefits of moringa drumstick किसी बीमारी मैं मोरिंगा का प्रयोग कैसे करें इसकी जनकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://sarirsesavasthyatk.blogspot.com/2025/10/uses-of-drumstick-in-different-disease.html सहजन के पेड़ के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं: पोषण का भंडार सहजन की पत्तियां और फलियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, सहजन की पत्तियों में:  * कैल्शियम (हड्डियों के लिए): दूध से 17 गुना अधिक।  * विटामिन C (रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए): संतरे से 7 गुना अधिक।  * पोटैशियम (ब्लड प्रेशर के लिए): केले से 15 गुना अधिक।  * प्रोटीन (मांसपेशियों के लिए): दही से 9 गुना अधिक।  * विटामिन A (आंखों के लिए): गाजर से 10 गुना अधिक।  * आयरन (खून की कमी दूर करने के लिए): पालक से 2...

बागवानी कृषि और पशुपालन के लिए सितंबर महीना September month for agriculture horticulture animal husbandry

सितंबर का महीना खेती, बागवानी और पशुपालन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस महीने में खरीफ की फसलों की कटाई और रबी की फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। आइए, विस्तार से जानते हैं कि सितंबर में कौन सी फसलें, सब्जियां और पौधे लगाए जा सकते हैं: सितंबर के महीने में कई तरह की सब्जियां उगाई जा सकती हैं जो सर्दियों में अच्छी पैदावार देती हैं। यहाँ कुछ मुख्य सब्जियों की सूची दी गई है जिन्हें आप सितंबर में उगा सकते हैं:  * पत्ता गोभी और फूल गोभी: यह ठंडे मौसम की सबसे लोकप्रिय सब्जियां हैं। सितंबर में इनकी पौध (सैप्लिंग) तैयार करके खेतों में रोपाई की जाती है।  * गाजर: गाजर की बुवाई सीधे क्यारियों में की जाती है। यह ठंडी जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ती है।  * मूली: मूली भी गाजर की तरह सीधी बोई जाती है और यह कम समय में तैयार हो जाती है।  * शलजम: यह एक जड़ वाली सब्जी है जिसे सितंबर में आसानी से उगाया जा सकता है।  * पालक: यह एक पत्तेदार सब्जी है जो बहुत जल्दी उगती है और कई बार काटी जा सकती है।  * मेथी: मेथी के बीज भी सीधे बोए जाते हैं। यह भी एक पत्तेदार सब्जी है जो स्वास्थ्य के लि...

खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद कैसे बनाएं Organic fertilizer for agriculture farming

 खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद कैसे बनाएं kaise taiyar karen खेत के लिए ऑर्गेनिक खाद बनाना एक बहुत ही अच्छा तरीका है। इससे मिट्टी की सेहत सुधरती है और फसल की गुणवत्ता भी बढ़ती है। ऑर्गेनिक खाद कई तरह से तैयार की जा सकती है, लेकिन यहाँ हम तीन मुख्य तरीकों के बारे में बात करेंगे जो सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होते हैं। 1. गोबर की खाद (कम्पोस्ट खाद) यह सबसे पुराना और प्रचलित तरीका है। इसमें गोबर, सूखे पत्ते, फसल के अवशेष और अन्य जैविक कचरे को एक जगह इकट्ठा करके सड़ाया जाता है। सामग्री:  * गाय या भैंस का गोबर  * फसल के अवशेष (पराली, भूसा, डंठल)  * सूखे पत्ते और घास  * किचन का जैविक कचरा (सब्जियों के छिलके)  * मिट्टी और पानी बनाने का तरीका:  * खेत में एक गड्ढा खोदें (लगभग 3 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा और 1 मीटर गहरा)।  * गड्ढे की निचली सतह पर थोड़ी सी मिट्टी डालें, फिर पानी का छिड़काव करके उसे नम कर लें।  * अब इसमें एक परत फसल के अवशेष और सूखे पत्तों की बिछाएं।  * इसके ऊपर गोबर की एक परत डालें।  * यह प्रक्रिया तब तक दोहराते रहें जब तक गड्ढा पूरी तरह न भ...